ओंकारेश्वर। बचपन में मां-बाप अपने बच्चों को जीवन भर खुशियां देता है। लेकिन बुढ़ापे में जब उनकी सेवा और देखरेख की जरूरत होती है तो कुछ कलयुगी औलाद अपने मां-बाप को किसी धार्मिक स्थान पर छोड़ जाते हैं। ऐसे कई मामले तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में देखे जा सकते हैं।
हाल ही में खरगोन जिले के गोगावा के 88 वर्षीय भवानी रामपिता गोविंद यादव ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए पत्रकारों को बताया कि उनके 3 लड़के दुर्गाराम, रामेश्वर, अनिल व लड़की दीपिका है। उसके बावजूद भी ओंकारेश्वर के गोमुख घाट पर भीख मांग कर अपना पेट भर रहे अब अस्वस्थ हो चले हैं।
समाज-सेवी द्वारा प्रयास करने पर और सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने पर वृद्ध के परिजनों को संपर्क करने के बाद उनके लड़के वृद्ध को घर ले गए।