
बड़वाह शहर में कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे बच्चों और आम जनता की सुरक्षा खतरे में है। सोशल मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में, बजरंग घाट पर कुत्तों के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस हादसे के बाद शहरवासियों में गहरी चिंता और डर का माहौल है।
मोटरसाइकिल सवारों के साथ रोजाना हादसे
बड़वाह में कुत्तों के आतंक से सिर्फ पैदल चलने वाले ही नहीं, बल्कि मोटरसाइकिल सवार भी प्रभावित हो रहे हैं। रोजाना कई हादसे कुत्तों के अचानक सड़क पर आ जाने के कारण हो रहे हैं। इन हादसों में गंभीर चोटें लगने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, जिससे वाहन चालकों में डर का माहौल बना हुआ है।
छोटे बच्चों में डर का माहौल, नहीं खेल पा रहे घर के बाहर
गर्मी की छुट्टियों के दौरान छोटे-छोटे बच्चे घरों के बाहर खेलने से डर रहे हैं। कुत्तों के बढ़ते हमलों के कारण बच्चों में भय का माहौल बन चुका है। स्थानीय निवासी और अभिभावक बताते हैं कि पहले बच्चे सड़कों और पार्कों में खेलते थे, लेकिन अब कुत्तों के आतंक के कारण वे घरों में ही बंद रहने को मजबूर हो गए हैं।
इस डर से बच्चे न तो बाहर खेलने जा पा रहे हैं और न ही सामान्य जीवन जी पा रहे हैं। यह स्थिति शहर के बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल रही है।
नगर पालिका की लापरवाही: नागरिकों की बढ़ती नाराजगी
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कुत्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, और नगर पालिका इस गंभीर समस्या को नजर-अंदाज कर रही है। कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन नगर पालिका की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। नागरिकों का कहना है कि नगर पालिका कुत्तों के बढ़ते आतंक पर ध्यान नहीं दे रही और इस लापरवाही की वजह से घटनाएं बढ़ रही हैं।
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नागरिकों की मांग: कुत्तों के नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं
स्थानीय लोग और नागरिक संगठन नगर पालिका से अपील कर रहे हैं कि कुत्तों के बढ़ते आतंक को रोकने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। उनका कहना है कि कुत्तों को पकड़ने और उनके नियंत्रण के लिए उचित योजना बनाई जाए ताकि बड़वाह के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अब यह देखना होगा कि नगर पालिका इस समस्या को कितनी गंभीरता से लेती है और कब तक बड़वाह के नागरिकों को राहत मिलती है।