बाबा रामदेव का विरोध करने के चक्कर में लोग स्वदेशी का मजाक क्यो उड़ा देते है?

बाबा रामदेव का विरोध करने के चक्कर में अनेक लोग स्वदेशी का ही मजाक उड़ा देते है, बाबा बुरे हो सकते हैं पर जिस योजना को लेकर बाबा आज शिखर पर है उस योजना को तो लोगों ने समझना चाहिए, बाबा जो कहते हैं वो उनकी योजना थोड़ी है बाबा जो कुछ भी कहते हैं वो ज्ञान हमारे ऋषि मुनि हमें लाखों साल पहले दे गये हैऔर उन्होंने भी उस ज्ञान को वेदों से पढ़ा था हमको आज भले ही बाबा के पद चिन्हों पर नहीं चलना हो.

मत चलो, पर स्वदेशी का मजाक उडा कर विदेशी को बढावा तो मत दो. बाबा ने जिस योजना को अपना कर इतना बड़ा स्वदेशी का साम्राज्य खड़ा किया है उसके मुकाबले केवल 100 एकड़ खेती करके एक छोटा सा साम्राज्य पहले बना कर बताओ किसी आदमी की कोई बात हमारी बात के विपरीत हो तो क्या हम उसकी स्वदेशी की योजना को भी नकार देंगे हमको अगर बाबा के काम में अगर कोई खोट नजर आती है तो हम खुद उन प्रौडक्ट का उत्पादन क्यो नही करते हैं.

हम क्यो नही स्वदेशी और जैविक वस्तुए आम जनता को उपलब्ध कराते हैं, हमें किसने रोका है बाबा का फार्मूला अपना कर स्वदेशी का इससे भी बड़ा साम्राज्य खड़ा करने से आज हम बाबा से विरोध के कारण बाबा को बदनाम करते हैं तो लोगों का ध्यान स्वदेशी से हटकर वापस विदेशी कम्पनियों की और आकर्षित होता है.बाबा का विरोध जिसे करना हो करें, पर स्वदेशी का बाबा से भी बड़ा साम्राज्य खड़ा करके करें हम भी उसका तहे दिल से स्वागत करेंगे.

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