रांची. झारखंड की राजधानी रांची में तब्लीगी जमात के सदस्यों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है, यहां क्वारंटीन सेंटर में रह रहीं जमात की तीन विदेशी महिलाएं गर्भवती हो गई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद प्रशासन चौकन्ना हो गया है।
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इस मामले को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि क्वारंटीन सेंटर में इन लोगों को इसलिए रखा गया था ताकि शारीरिक दूरी का पालन हो सके, लेकिन अब महिलाओं के गर्भवती होने से प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ेे हो गए हैं।
आनन-फानन में रांची जिला उपायुक्त छवि रंजन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए एडिशनल कलेक्टर को नियुक्त किया है, जिनका काम यह पता लगाना है कि किन कारणों के चलते सेंटर में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हुआ।
साथ ही इस सेंटर की जिम्मेदारी जिसे सौंपी गई थी, उससे पूछताछ की जाएगी। इस संबंध में झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों का कहना है कि अगर महिला क्वारंटीन सेंटर में रहने के दौरान गर्भवती हुई हैं तो उन्होंने महामारी रोग अधिनियम-2020 का उल्लंघन किया है।
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ऐसे में उनके खिलाफ इस अधिनियम की धारा 2 (3) के तहत केस दर्ज किया जाएगा। दूसरी तरफ, सेंटर का जिम्मा संभालने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी लापरवाही बरतने का केस दर्ज होगा। बता दें कि, लॉकडाउन व वीजा नियमों का उल्लंघन करने पर 17 विदेशी जमातियों के खिलाफ राजधानी रांची में मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में आरोपी जमातियों को गिरफ्तार कर खेलगांव स्थित क्वारंटीन सेंटर में भेज दिया गया। ये लोग 30 मार्च से सेंटर में थे, जहां से 20 मई को इन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में भेज दिया गया। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद मंगलवार को ये सभी जेल से बाहर निकले, तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ कि तीन महिलाएं गर्भवती हैं।
रांची में ही रह रहे हैं तब्लीगी सदस्य
जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए 17 विदेशी नागरिक रांची में ही रह रहे हैं। इनमें से नौ पुरुष कडरू स्थित एक घर में रुके हुए हैं। वहीं, आठ लोग (चार दंपती) गुदड़ी चौक मिशन रोड में रह रहे हैं। बताया गया है कि इनके रुकने की व्यवस्था स्थानीय तब्लीगी कार्यकर्ताओं ने की है।
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