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भोपाल. मध्य प्रदेश में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने के सात दिन बीत जाने ले बाद भी शिवराज सिंह विभागों का बटवारा नहीं कर पाए हैं.
इसकी मुख्य वजह उनके विश्वासपात्रों के साथ पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों और सबसे खास दिल्ली में पार्टी आलाकमान के समर्थित बीजेपी के नए धड़े के बीच अच्छे विभागों को लेकर रस्साकशी है।
सूत्रों के अनुसार 12 सिंधिया समर्थक मंत्री अच्छे विभाग की चाहत में है जिनमें से कुछ वो विभाग भी हैं जो उनके पास पिछली कांग्रेस सरकार में थे।राजस्व, ट्रांसपोर्ट, स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा, खाद्य व आपूर्ति, श्रम और महिला व बाल विकास मंत्रालय सिंधिया समर्थित की पहली प्रथमिकता है,
साथ ही वो गृह मंत्रालय भी मांग रहे हैं जो फिलहाल प्रदेश के गद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा के पास है, यही वजह से विभागों के बटवारे में देरी हो रही है।इस पूरी खींचतान में अच्छे विभागों के लिए शोर-शराबा सिर्फ सिंधिया समर्थित तक ही सीमित नहीं है।
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शिवराज सिंह के समर्थन वाले बीजेपी के पुराने धड़े और पार्टी के नए नेताओं के बीच जिनके ऊपर आलाकमान का वरदहस्त है, के बीच भी सत्ता के लिए खींचतान चल रही है। मुख्यमंत्री वित्त, राजस्व, खनिज, ऊर्जा और पीडब्ल्यूडी अपने समर्थकों को देना चाहते हैं,
वहीं जनसंपर्क राज्य का एक और अहम विभाग है जो आमतौर पर मुख्यमंत्री के पास रहता है लेकिन पिछले कार्यकाल मे वो नरोत्तम मिश्रा के पास था, साथ ही चौहान को एक वित्त मंत्री की भी तलाश हैहालांकि इन सभी के बीच शिवराज के सामने आलाकमान का दबाव भी नजर आ रहा है,
क्योंकि बीजेपी आज जिस सत्ता का सुख भोग रही है वो सिंधिया की देन है इसलिए सिंधिया की बातों को प्रथमिकता देना शिवराज के लिए मजबूरी भी है और जरूरत भी।