कारम डैम पर बनाया पानी निकालने का रास्ता, वहीं से मिट्टी कटाव हुआ और 100 करोड़ का डैम बह गया

कारम डैमशाम 5.30 बजे उम्मीद से ज्यादा बह गया कारम डैम बांध में पानी कम होने से गांवों में हुआ कम नुकसान
रविवार दोपहर तीन कैबिनेट मंत्रियों ने एक साथ हवाई सर्वेक्षण किया। करम नदी से विस्थापित हुए करीब 40 हजार लोगों की घर वापसी का सपना एक बार फिर धराशायी हो गया।

रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे अचानक कारम डैम टूट गया

नहर बनाकर पानी निकालने का प्रयास किया गया। वहां से पानी मिट्टी के बांध को अपने साथ ले गया। इसके बाद जलप्रलय जैसी स्थिति देखने को मिली। राहत की बात यह है कि बांध का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। इससे बांध का पानी गांवों तक नहीं पहुंचा है, लेकिन 100 करोड़ में बने इस पाल पर पानी जरूर वापस चला गया है। गौरतलब है कि बांध को बचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे थे।

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Kaaram बांध ने दिल्ली से लेकर भोपाल तक तहलका मचा दिया था

इस कारण बांध को फटने से बचाने के लिए सेना से लेकर आईआईटी रुड़की तक के इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की टीमों को बुलाया गया था। रविवार सुबह साढ़े आठ बजे जब धीरे-धीरे पानी निकाला गया तो उम्मीद थी कि शाम तक बांध खाली हो जाएगा और लोग गांवों की ओर लौट सकेंगे।

100 करोड़ पर पानी वापस चला गया

दरअसल 304.44 करोड़ की करम मध्यम सिंचाई परियोजना परियोजना के तहत 100 करोड़ से मिट्टी का बांध बनाया गया, जिस पर पानी उतर गया है. इसे बचाने के लिए सरकार ने तीन दिन दिन-रात काम किया। रविवार की सुबह भी राहत की आस जगी, लेकिन शाम होते-होते पानी ने भयंकर रूप धारण कर बांध तोड़ दिया।

मंत्रियों ने किया था सर्व

सुबह से ही बांध को खाली कराने के प्रयास किए जा रहे थे। इसके बाद दोपहर में तीनों मंत्री तुलसी सिलावट, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने पूरे इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान स्थिति की समीक्षा की गई। जबकि इस हवाई सर्वेक्षण के चंद घंटों के बाद ही स्थिति बिगड़ गई और बांध फट गया।

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