कोरोना वायरस ने उद्योग जगत के साथ ही लोगों की नौकरी को भी खतरे में डाल दिया है. लॉकडाउन के दौरान कई फैक्ट्रियों के बंद रहने से मजदूरों और कर्मचारियों की नौकरी छीन गई. लेकिन लॉकडाउन में ढील के साथ ही एक बार फिर से जीवन ने रफ़्तार पकड़ी है. इस आपदा के समय हर कोई व्यक्ति अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहता है
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आज हम आपको एक ऐसे बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके लिए ना तो आपको बहुत ज्यादा पढ़ा लिखा होने की जरुरत है और ना ही बहुत अधिक पैसों की आवश्यकता है.ये बिजनेस है पोल्ट्री फार्म का, इसका नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग ये बात आती है
कि संक्रमण के कारण लोगों ने चिकन, मांस और अंडा खाने से बच रहे हैं. लेकिन WHO की गाइडलाइन के मुताबिक़ अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है.मार्केट में एक बार फिर से चिकन की डिमांड बढ़ने लगी है. इस बिजनेस में नुकसान होने के चांस भी ज्यादा नहीं होते क्योंकि लोगों की अंडे और चिकन की डिमांड 12 महीने बनी रहती है.
तो आइए जानते हैं किस तरह शुरू करें ये बिजनेस:
पोल्ट्री फार्म को कृषि क्षेत्र का सबसे तेज़ी से विकास करने वाला विभाग माना जाता है और सरकार विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रोसेसिंग, प्रजनन, पालन और हैचिंग प्रक्रियाओं में निवेश कर रही है. बिजनेस शुरू करने के लिए जगहमुर्गी पालन की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले जगह की आवश्यकता होती है.
इस बिजनेस के लिए छोटे स्तर पर ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती लेकिन बड़े स्तर पर बिजनेस शुरू करने के लिए बड़ी जगह चाहिए होती है. इसके लिए जगह हमेशा पब्लिक एरिया थोड़ा अलग होना चाहिए. इसमें ज्यादा पानी की जरुरत नहीं पड़ती बस सफाई का विशेष ध्यान देना जरुरी है.
साफ हवा-धूप और वाहनों के आने-जाने का अच्छा इंतजाम हो. सबसे पहले आती है पैसों की बात-अगर आप छोटे पैमाने पर पोल्ट्री फार्म शुरू करना चाहते हैं तो कम से कम 50,000 रूपये से 1.5 लाख रुपये के बीच खर्च आएगा. और अगर इसी बिजनेस को और अधिक बड़े स्टार पर सेटअप करना का सोच रहें हैं
तो लगभग 1.5 लाख रूपये से 3.5 लाख रूपये के बीच खर्च आता है. पोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने के लिए कई फाइनेंशियल संस्थानों से बिज़नेस लोन लिया जा सकता है.दो तरह से होती है कमाई-पोल्ट्री फार्मिंग के बिजनेस में दो तरह से कमाई होती है अंडे और मांस से.
इसमें अंडे के उत्पादन की प्रक्रिया और ब्रायलर प्रजनन की प्रक्रिया की जानकारी लेना होता है. साथ ही उपयोग किए जाने वाले उपकरण की पूरी जानकारी जरुरी है. इसके लिए सरकार की ‘ब्रायलर प्लस’ योजना के तहत सभी जानकारी मिल जाती है. इस बिजनेस से दूसरों को रोजगार दिया जा सकता है.
इस तरह करें अप्लाई-पोल्ट्री फार्मिंग के लिए किसी भी सरकारी बैंक से लोन लिया जा सकता है.भारतीय स्टेट बैंक इस बिजनेस ले के लिए कुल लागत का 75 फीसदी तक लोन देता है. इस योजना का नाम ‘ब्रायलर प्लस’ योजना रखा गया है.
SBI से 9 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है जिसे 5 साल में चुकाना होता है.भारतीय स्टेट बैंक में 5,000 मुर्गियों के पोल्ट्री फार्म के लिए 3,00,000 रुपये तक का कर्ज दिया जाता है. यहां से आप 9 लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं.एसबीआई से लिए लोन को 5 साल में वापस करना होता है.
अगर किसी वजह से 5 साल में लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो 6 महीने का और समय दिया जाता है. सबसे पहले पहचान प्रमाण पत्र के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पैन कार्ड या पासपोर्ट में से किसी एक की जरूरत होती है.दो फोटो, एड्रेस प्रूफ, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट की फोटो कॉपी और मुर्गी पालन की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बैंक में देनी होता है.
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