काशी देश में राम मंदिर अयोध्या का काम शुरू हो गया है और अब भव्य राम मंदिर के प्रथम तल बनाने पर विचार हो रहा है। इसके अलावा देश में अन्न हिन्दू मंदिरों को भी न्याय दिलाने पर चर्चा हो रही है। राम मंदिर अयोध्या के पहले सोमनाथ मंदिर गुजरात और श्री कृष्णा जन्मभूमि पर काम हो चूका है। अब अगला नंबर कशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) बनारस का माना जा रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट और देश के इतिहास की माने तो देश के कई हज़ार मंदिर ऐसे बताये जाते है, जिन पर आज मस्जिद बना दी गई है। अयोध्या में राम जन्म भूमि मंदिर पर कोर्ट का फैसला आ ही चुका है। कोर्ट ने माना की मुग़ल आक्रमणकारियों ने राम मंदिर के स्थान पर बाबरी मस्जिद बनाई थी। अब अयोध्या का राम मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो रहा है।
इस सब के बीच भाजपा नेता और देश के जाने माने वकील डॉ सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा है कि अयोध्या के बाद अब काशी विश्वनाथ मंदिर का नंबर है। सुब्रमण्यन स्वामी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट करते हुए कहा कि काशी के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू किया जायेगा अब सिर्फ कोरोना के ख़त्म होने की प्रतीक्षा की जा रही है।
अयोध्या राम मंदिर मामले में भी भाजपा नेता और वकील सुब्रमनियन स्वामी की महत्वपूर्ण भूूमिका मानी जाती है। अब स्वामी के मुताबिक़ अयोध्या राम मंदिर केस तो थोड़ा दिक्कत भरा था, परन्तु काशी और मथुरा केस बहुत आसान है। इससे पहले सुब्रमनियन स्वामी कह चुके है की काशी और मथुरा में हिन्दू मंदिर तोड़ने के बहुत से साक्ष्य उपलब्ध है, काशी में जो मंदिर पर मस्जिद बनाई है, उस मंदिर की दीवार अभी भी मौजूद है, अतः काशी विश्वनाथ मंदिर केस अयोध्या केस से आसान रहने वाला है।
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हाल ही में खबर आई थी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम कोरोना लॉकडाउन के कारण लगभग 2 महीने से बंद था। अब इस प्रोजेक्ट का काम फिर से शुरू हो चुका है, अब कॉरिडोर का स्वरूप भी दिखने लगा है। हालाँकि मंदिर प्रशासन पर लगातार यह आरोप लगते रहे हैं कि कॉरिडोर बनाने में कई प्राचीन मंदिरों को तोड़ा गया और मलबा गंगा नदी में गिराया गया।
मंदिर के कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि परिवर्तन बड़ा है, लोगों को इसमें ढलने में थोड़ा वक्त लगेगा। उन्होंने कहा, पहले एक बड़ी अफवाह उड़ाई गई कि मलबा गंगा में फेंका जा रहा है। लेकिन आप देख सकते हैं, मलबा कहीं नहीं फेंका जा रहा। उसी प्रकार मंदिरों को नष्ट करने की बात कही गई, हम इन प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार कर रहे हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ऐसे सभी प्राचीन मंदिर, जो लोगों के घरों और कोठियों में कैद होकर छिप गए थे, अब सामने देखने को मिल रहे हैं। मंदिर प्रशासन उन मालबो को संरक्षित करने की बात कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल काशी विश्वनाथ धाम का काम अब रफ़्तार ले चुका है। आपको बता दे की काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट 5000 स्क्वायर फीट में बनकर तैयार हो रहा है। इस प्रोजेक्ट को अगस्त 2021 तक पूरा करने की योजना है। इस कारण से काम अब फूर्ति देखने को मिल रही है। काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट की लागत 800 करोड़ रुपए बताई गई है।
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