कमलनाथ की राष्ट्रीय राजनीति में हो सकती है वापसी, सोनिया से मुलाकात के बीच अटकलें तेज!

 

हाइलाइट्स:

  • एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ को कांग्रेस में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
  • दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हुई कमलनाथ की मुलाकात
  • चर्चा है कि कमलनाथ को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है
  • कांग्रेस पार्टी की तरफ से इसे लेकर अभी तक नहीं आई है कोई प्रतिक्रिया

Spin Doctors

भोपाल
कांग्रेस के ‘संकटमोचक’ (Spin Doctors)  कमलनाथ की फिर से राष्ट्रीय राजनीति वापसी हो सकती है। इसकी अटकलें तेज हो गई हैं। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi And Kamalnath Meeting News) से कमलनाथ ने मुलाकात की है। इसके साथ ही यह अटकलें तेज हो गई हैं कि कमलनाथ को सोनिया गांधी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। अगर ऐसा होता है तो कमलनाथ की वापसी राष्ट्रीय राजनीति में हो जाएगी।

नेतृत्व संकट को लेकर जूझ रही कांग्रेस कमलनाथ को कार्यकारी अध्यक्ष बना सकती है। खबरों के अनुसार सोनिया गांधी लगातार अस्वस्थ रहती हैं, इसकी वजह से वह एक्टिव नहीं रह पा रही हैं। चर्चा है कि इसके बाद कांग्रेस ने कार्यकारी अध्यक्ष चुनने का फैसला किया है।

इसे लेकर दिल्ली में मंथन का दौर जारी है। सोनिया गांधी से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी वहां पहुंची हैं। प्रियंका गांधी से तीन दिन पहले छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की भी दिल्ली में मुलाकात हुई थी।

कांग्रेस के संकटमोचक ( Spin Doctors) हैं कमलनाथ

एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष बनने से पहले तक कमलनाथ प्रदेश में खुद को छिंदवाड़ा तक ही सीमित रखे हुए थे। वह राष्ट्रीय राजनीति में ही ज्यादा एक्टिव रहते थे। राष्ट्रीय राजनीति में लंबा करियर होने की वजह से पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं से कमलनाथ के अच्छे संबंध हैं।

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ऐसे में नेतृत्व को लगता है कि कई राज्यों में जो विरोध के स्वर उठ रहे हैं, उसे कमलनाथ संभाल सकते हैं। कमलनाथ शुरू से ही गांधी परिवार के करीबी रहे हैं। सभी नेताओं से इनकी ट्यूनिंग अच्छी है। चर्चा यह भी है कि पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को थामने की जिम्मेदारी भी सोनिया गांधी कमलनाथ को दे सकती हैं।

गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने उन्हें एमपी कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। उसके बाद कमलनाथ प्रदेश की राजनीति करने लगे। 15 साल बाद कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस एमपी में सत्ता का स्वाद चखी थी।

मगर 17 महीने में कांग्रेस की सरकार गिर गई। फिर भी कमलनाथ एमपी में ही एक्टिव रहे हैं। हालांकि कमलनाथ यह कहते रहे हैं कि मैं एमपी को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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