Delhi: इस वक़्त देश में 2 राजनैतिज्ञ सबसे ज्यादा सुर्खिया बटोर रहे है। वो भी सकारात्मक रूप की सुर्खिया। कांग्रेस या राहुल गाँधी की तरह निगेटिव छवि वाली सुर्खिया अलग कैटेगरी में आती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 बार गोरखपुर से सांसद रहने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए थे।
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इस दौरान सोशल मीडिया पर एक नारा “देश में मोदी, यूपी में योगी” बहुत कामयाब हुआ था। इस नारे और जीत के पीछे की वजह यह थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में कई चीज़े एक जैसी हैं। एक बहुत से मौकों पर एक सामान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ दोनों ही बहुत कम नींद लेते हैं। पीएम मोदी जहां 4 से 5 घंटे की नींद लेते हैं, तो वहीं सीएम योगी 3 से 4 घंटे ही की ही नींद लेते हैं। मोदी जब प्रधानमंत्री बने थे, तो उस समय उन्होंने बराक ओबामा के कम सोने के रिकार्ड को तोड़ा था।
अब कम सोने के मामले में UP के CM योगी आदित्यनाथ, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी से आगे निकल गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ दोनों ही अपनी डेली रूटीन को लेकर बहुत ध्यान देते हैं। योगी आदित्यनाथ सुबह तीन 3 बजे उठकर नहाने के बाद सुबह 5 बजे विशेष पूजा करते हैं।
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फिर 5 से 6 बजे तक मंदिर परिसर में भ्रमण करते हैं। उनके बाद 6 से 8 बजे तक कुछ अध्ययन करते है। फिर साढ़े आठ से 9 बजे तक गोरक्षपीठ से जुड़ी संस्थाओं के काम और 10 बजे तक कुछ सादा खाते हैं। अब अगर प्रधानमंत्री मोदी की बात करे तो वे सुबह 5 बजे सके उठ जाते हैं,
और इंटरनेट पर खबरें और पीएमओ के ट्वीट पढ़ते हैं। इन ट्वीट्स पर आए लोगों के कमेंट और रिएक्शन को पढ़ना उनका रोज़ का काम हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी योग करते हैं और सादा नास्ता करके पीएमओ (PMO) चले जाते हैं।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और UP CM योगी आदित्यनाथ दोनों ही अपने काम को लेकर बहुत ही गंभीर हैं। प्रधानमंत्री मोदी जहां 15 से 18 घंटे तक काम करते हैं, तो सीएम योगी भी इतना ही काम करते हैं। सीएम योगी की 40 संस्थाएं हैं, जो महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अधीन की संचालित होती हैं।
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इन सबके संचालन का जिम्मा भी योगी के पास ही है। देश में हालिया समय में जितना भरोसा लोग PM मोदी पाए दिखा रहे है, उतना ही भरोसा योगी आदित्यनाथ पर भी लोगो ने जताया है। फिलहाल दोनों ही जान सेवा और योजनाओं पर घ्यान देने में जुटे हुए है।
फर्क बस इतना है की मोदी देश संभाल रहे है और योगी उत्तरा प्रदेश। हालाँकि उत्तर प्रदेश राज्य भी किसी देश से काम नहीं है। दुनिया के अनेक देश आज भारत तो छोड़िये, उत्तर प्रदेश से भी छोटे और पीछे है।
आपको बता दे की उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कोरोना के कुल 672 नए मामले आने के साथ ही प्रदेश में ऐक्टिव केस की संख्या अब 6711 हो गई है। उत्तर प्रदेश में अभी तक कोरोना के कुल 697 मरीजों की जान भी जा चुकी है। देश में कोरोना से ठीक होने वाली मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इस प्रकार यूपी में कुल केस की संख्या 23492 हो गई।
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उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए कहा, ‘पिछले 24 घंटे में कोरोना के कुल 672 नए केस आए हैं। अब 6711 ऐक्टिव केस हैं और 16084 मरीज अभी तक ठीक हो चुके हैं। कुल 697 मरीजों की अभी तक जान भी जा चुकी है।’ उन्होंने यह भी बताया कि गांवों में आशा वर्क्स की मदद से सर्वे जारी है।
प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया, ‘अभी तक 1.5 लाख आशा वर्कर्स ने यूपी में लौटे लगभग 30.43 लाख प्रवासी कामगारों को ट्रैक किया है। पहले चरण में कुल 11.24 लाख और दूसरे चरण में 19.19 लाख लोगों की ट्रैकिंग हुई है। इसी वजह से कम्युनिटी स्प्रेड को रोकने में मदद मिली है और पूरे प्रदेश में बेहतर सर्विलांस के साथ काम हो सका है।
’ यह भी बताया गया है कि आशा वर्कर्स ने ना सिर्फ 7965 लक्षण वाले लोगों को ट्रैक किया बल्कि उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर भी नजर रखी। आशा वर्कर्स की मदद से ही प्रदेश में लौटे 2232 प्रवासी कामगारों के सैंपल कलेक्शन में भी मदद मिली है।
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कोरोना के खतरे को देखते हुए यूपी के विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं नहीं होंगी। शासन स्तर पर परीक्षाएं रद्द करने को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। केंद्र की अनलॉक-2 का अध्ययन करने के बाद दो जुलाई को इसकी अधिकारिक घोषणा हो सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह कोविड-19 की टीम इलेवन के साथ एक से 31 जुलाई तक संचालित किए जाने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। सीएम ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि को संचारी रोग के संबंध में सतर्क रखा जाए।