Motivational Story: आप भी करते हैं दूसरों की निंदा, तो जानें क्या होगा इसका परिणाम

Motivational Story

Motivational Story एक दिन कुछ ब्राह्मण राजा से मिलने नगर में आये। उन्होंने एक महिला से राजमहल का पता पूछा। महिला ने पता तो बता दिया लेकिन साथ ही साथ कहा कि जरा संभल के रहना राजा ब्राह्मणों को खाने में जहर देकर मार देता है।

Motivational Story: इंसान को अपने जीवन में किसी की भी बुराई करने से बचना चाहिए। जब हम दूसरों की बुराई करते हैं, तो हमारे जीवन में पाप-कर्म का फल जुड़ जाता है, जिसका पता हमें भी नहीं चल पाता है।

हमें लगता है कि आखिरकार हमने अपने जीवन में किसी को कोई दुख तो दिया ही नहीं है। आज हम आपके सामने इसी तरह की अनजाने पाप कर्म का फल की कहानी के बारे में बताने जा रह हैं।

Motivational Story अनजाने पाप कर्म का फल

बहुत समय पहले की बात है। एक राजा ने ब्राह्मणों को भोज करने का दावत दिया। भोजन महल के बगीचे में पक रहा था। उसी समय एक चील अपने पंजों में सांप को दबाये वहां से उड़ रहा था।

सांप ने अपने आत्मरक्षा में चील को मारने के लिए अपने फन से जहर निकाला। सांप के द्वारा निकाले जहर की कुछ बूंदें बगीचे में पक रहे खाने में जा गिरा। इस बात की जानकारी किसी को नहीं हुई।

खाना पककर तैयार हो गया। उस जहरीले खाने को खाकर ब्राह्मणों की मौत हो गई। राजा को इस बात का पता चला, तो उसे बहुत दुख हुआ। राजा ब्रह्म-हत्या के लिए खुद को जिम्मेदार समझ रहा था।

ब्रह्म-हत्या का दोष किसे दिया जाए? के प्रश्न पर यमराज सहित सभी असमंजस की स्थिति में थे। इस पाप-कर्म का फल किसके खाते में जाना चाहिए?

राजा: जिसको पता ही नहीं था कि खाना जहरीला हो गया है।

रसोइए: जिसको पता ही नहीं था कि खाने में जहर किसने मिलाया।

चील: जो उस जगह से जहरीले सांप को लेकर गुजरा था।सांप: जिसने अपने आत्मरक्षा में जहर निकाला।

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कई दिनों तक यमराज किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहे थे कि किसके खाते में इस पाप-कर्म का फल जाएगा।

इसी बीच एक दिन कुछ ब्राह्मण राजा से मिलने नगर में आये। उन्होंने एक महिला से राजमहल का पता पूछा। महिला ने पता तो बता दिया, लेकिन साथ ही साथ कहा कि जरा संभल के रहना, राजा ब्राह्मणों को खाने में जहर देकर मार देता है।

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महिला ने जैसे ही यह शब्द बोला, यमराज ने तुरंत फैसला ले लिया कि ब्राह्मणों के मौत के पाप-कर्म का फल इस महिला के खाते में जाना चाहिए। यमराज के इस निर्णय से दूत हैरान हो गए।

सभी ने एक स्वर में बोला कि महिला तो इसमें कहीं से कहीं तक शामिल नहीं थी। यमराज ने जवाब दिया कि ब्राह्मणों के मौत पर किसी को आनंद नहीं मिला, बल्कि सभी को दुख ही पहुंचा।

परंतु उस घटना की चर्चा करते वक्त उस महिला में आनंद का भाव दिखा, इसलिए राजा के अनजाने पाप-कर्म का फल इस महिला को मिलना चाहिए।

दोस्तों, इस वजह से हमें दूसरों की बुराई से बचना चाहिए। वरना किसी और के पाप-कर्म के फल हमारे खाते में जुड़ जाता है।

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