भोपाल. कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के तख्तापलट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऑडियो वायरल होने पर सियासी पारा गरमाया हुआ है। कांग्रेस ने राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात कही है। कमलनाथ ने भी ट्वीट कर भाजपा पर आरोप लगाए। गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा – ‘पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है। क्यों? बोलो, सियापति रामचंद्र की जय।’ राजनीतिक गलियारों में इसके अपने तरीके से अर्थ निकाले जा रहे हैं।
पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है।
क्यों?
बोलो, सियापति रामचंद्र की जय! 🙏🏽
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 11, 2020
ऑडियो में शिवराज- तुलसी नहीं जीते तो क्या मैं मुख्यमंत्री रहूंगा?
‘कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सिर्फ दलाली कर रहे थे। कुछ विभाग दिग्विजय ने ले लिए तो कुछ उन्होंने। छह हजार करोड़ का कर्ज सिर्फ कागजों पर माफ किया। पूरे प्रदेश में आतंक का तांडव किया। हमारे कार्यकर्ताओं और विचारधारा को कुचलने का प्रयास किया। तब केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि अब यह सरकार गिरनी चाहिए। नहीं तो यह बर्बाद कर देंगे।
आप ही बताओ- सिंधिया, तुलसी भाई के सहयोग के बिना सरकार गिर सकती थी क्या? सिलावट को हर हाल में जिताना ही है। मैं ईमानदारी से कह रहा हूं, तुलसी भाई ने एक मिनट में मंत्री पद त्याग दिया। आप ही बताओ तुलसी नहीं जीते तो क्या मैं सीएम रहूंगा? कमलनाथ दादा पंचायतों, कन्यादान योजना का पैसा तक खा गए।’
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कमलनाथ का हमला- मैंने पहले ही कहा था- साजिश से सरकार गिराई
‘मैं शुरू से ही कह रहा था कि भाजपा ने जनादेश पाने वाली सरकार को साजिश, षड्यंत्र और प्रलोभन का खेल रचकर गिराया है। अब तो इस बात की पुष्टि भी हो गई। सच्चाई जनता के सामने आ गई। किस तरह सरकार गिराने की साजिश और खेल रचा गया और उसमें कौन-कौन शामिल था।
जो लोग कहते थे कि सरकार असंतोष के कारण गिरी, हमने नहीं गिराई, उनका झूठ सामने आ गया है। हमारी सरकार ने मिलावटखोरों, माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। प्रदेश में निवेश लाने के प्रयास किए, इससे भाजपा घबरा गई थी। उसे डर था कि सालों तक अब सत्ता में उसकी वापसी नहीं होगी, इसलिए साजिश की गई थी।’