मध्यप्रदेश: अब महाराज ने की नई पहल, शनिवार को विभागों का बंटवारा होना संभव

 

भोपाल. मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभागों के बंटवारे पर अब तक संशय बराबर है। कैबिनेट विस्तार के एक हफ्ते बाद भी विभागों का वितरण नही हो सका है।

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जिसको लेकर एक तरफ जहाँ विपक्ष लगातार सरकार को घेर रही है वहीँ अब बीजेपी नेताओं का सब्र भी धीरे धीरे टूटता नजर आ रहा है। वो लगातार विभाग बंटवारे में हो रही देरी के लिए सिंधिया को निशाना बना रहे हैं।

जिसके साथ ही अब कहानी को नया मोड़ देते हुए खुद “श्रीमंत” आगे आए हैं। वो सियासी सामंजस्य बनाने की कोशिश में लगे हैं। जिसको लेकर उन्होंने बीजेपी पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से बात की।

वहीँ इसके बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि शनिवार तक मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया जायेगा। दरअसल बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से फोन पर चर्चा की है,

उनके करीबी सूत्रों की माने तो सिंधिया ने विभागों के बंटवारे पर उनसे बात की जहाँ ये संभव है कि शनिवार को विभागों का वितरण कर दिया जायेगा। इस बीच देर रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत की सीएम हाउस में बैठक हुई।

दिल्ली में सिंधिया के मानने के बाद विभागों के बंटवारे के लिए प्रदेश नेतृत्व को अधिकृत कर दिया गया है। बता दें कि गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह 10:30 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई थी।

माना जा रहा है कि इससे पहले मंत्रियों को विभागों का वितरण कर दिया जाएगा। जिसके बाद बैठक कि समय को बदलने के बाद बैठक को निरस्त कर दिया गया था। हालांकि इससे पहले सीएम शिवराज विभाग बंटवारे को लेकर दिल्ली पहुंचे थे,

जहाँ उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से इसपर चर्चा की थी। जिसके बाद भी मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं किया जा सका। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये कहकर सियासी गलियारों की हलचल बढ़ा दी कि वो ही सभी विभागों के मंत्री हैं।

दूसरी तरफ बीजेपी के वरिष्टजन लगातार पार्टी को घेर रहे हैं वहीँ वो सिंधिया पर निशाना भी साध रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों को पहले ही चेतावनी दे चुकी हैं.

अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और सतना से लोकसभा सांसद गणेश सिंह ने कहा है कि सिंधिया का प्रदेश की राजनीति में एक ऊंचा कद है। उनके प्रति पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के मन में एक अलग आदरपूर्वक सम्मान है। यदि उनकी वजह से मंत्रियों के विभागों के बटवारे में विलंब हो रहा है,

तो उन्हें गंभीरता से विचार करना चाहिए। जैसा कि आपको ज्ञात है कि चर्चा है कि सिंधिया समर्थक मंत्री अच्छे विभाग की चाहत में है। राजस्व, ट्रांसपोर्ट, स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा, खाद्य व आपूर्ति, श्रम और महिला व बाल विकास मंत्रालय सिंधिया समर्थित की पहली प्रथमिकता है साथ ही वो गृह मंत्रालय भी मांग रहे हैं।

जबकि मुख्यमंत्री वित्त, राजस्व, खनिज, ऊर्जा और पीडब्ल्यूडी अपने समर्थकों को देना चाहते हैं वहीं जनसंपर्क राज्य का एक और अहम विभाग है। यही विभागों के वितरण में पेंच अटक रही है। अब देखना है क्या शनिवार को भी विभागों का बंटवारा संभव होता है अन्यथा नहीं.

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