लद्दाख: इस योद्धा ने बर्फ की 1500 फीट ऊंची दीवार पर चढ़ उड़ाए थे पाक के होश

 

पाकिस्तान के कब्जे वाली कायद पोस्ट पर 33 वर्ष पूर्व हुआ हमला दुनिया में सबसे ऊंचाई पर किया गया घातक हमला था। लद्दाख के उस बर्फीले युद्ध के चर्चे सुनने वालों के आज भी रौंगटे खड़े हो जाते हैं। विश्व में सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में 21 हजार फीट की ऊंचाई पर भारतीय सैनिकों की जांबाज टुकड़ी ने 26 जून 1987 को अपनी उस चोटी को वापस हासिल किया था।

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नामुमकिन से दिखने वाले इस टास्क को नायब सूबेदार बाना सिंह ने स्वैच्छिक रूप से खुद अपने हाथ में लिया था। बहादुरी का नया पैमाना स्थापित करने वाले बाना सिंह इसी पोस्ट को पाकिस्तान के कब्जे से छुड़ाकर देश के 16वें परमवीर चक्र विजेता बने। वे ऑनरेरी कैप्टन पद से अक्तूबर 2000 में रिटायर हुए.

लद्दाख में एलएसी पर चल रहे तनाव के बीच परमवीर चक्र विजेता और जम्मू के आरएस पुरा निवासी कैप्टन बाना सिंह सियाचिन के ऑपरेशन राजीव को याद करते हैं। पाकिस्तान ने सियाचिन ग्लेशियर से सटी 21 हजार फुट की ऊंचाई पर एक चोटी को कब्जा कर इसका नाम कायद (कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना) पोस्ट रख दिया था।

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इससे सियाचिन पर भारत की दोनों चौकियां पाकिस्तान की सीधी नजर और निशाने पर आ गईं. पोस्ट छुड़ाने के लिए पहली टुकड़ी सेकेंड लेफ्टिनेंट राजीव पांडे के नेतृत्व में भेजी गई, लेकिन यह प्रयास विफल रहा। टुकड़ी में शामिल जांबाज शहीद हो गए। इसके बाद नायब सूबेदार बाना सिंह ने खुद मोर्चा संभाला।

शहीद पांडे के नाम पर रखे गए ऑपरेशन राजीव को बाना सिंह और उनके साथियों ने अंजाम तक पहुंचाया। इसके साथ ही कायद पोस्ट का नाम बदलकर बाना टॉप रख दिया गया। परमवीर चक्र विजेता बाना सिंह कहते हैं कि एलएसी पर तनाव के बीच उन्हें सियाचिन को वो मोर्चा याद आ रहा है। वह बेहद मुश्किल लड़ाई थी लेकिन भारतीय फौज की ट्रेनिंग और हौसला किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है।

बॉलीवुड की फिल्म लक्ष्य में भी बाना टॉप का आइडिया लिया गया। कारगिल युद्ध से प्रेरित इस फिल्म के जिस दृश्य में ऋतिक रोशन अपनी टुकड़ी के साथ पहाड़ की सीधी चढ़ाई चढ़कर पाकिस्तानी सेना पर हमला करते हैं, असल में इससे भी मुश्किल परिस्थितियों में बाना टॉप का मोर्चा लड़ा गया था.

दुश्मन ठीक 21153 फीट की ऊंचाई पर मोर्चा संभाले थे। परमवीर चक्र सम्मान की साइटेशन (उद्धरण) के अनुसार सियाचिन पर 21 हजार फीट तक पहुंचने के लिए 1500 फीट ऊंची बर्फ की दीवार पर चढ़कर बाना सिंह ने असाधारण वीरता दिखाई। चढ़ते, रेंगते पहले वे दुश्मन के करीब पहुंचे और फिर हैंड ग्रेनेड फेंककर दुश्मन से हैंड टू हैंड फाइट कर पोस्ट को वापस हासिल कर लिया।

लेफ्टिनेंट जनरल दुआ बोले ऐसी बहादुर पलटन पर गर्व
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सतीश दुआ ने शुक्रवार को अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा- 33 साल पूर्व 21153 फीट की ऊंचाई पर दुनिया में सबसे ऊंचाई पर हमला किया गया। परमवीर चक्र ऑनरेरी कैप्टन बाना सिंह और महावीर चक्र सूबेदार संसार चंद समेत अन्य सम्मानित जांबाजों की सबसे बहादुर पलटन से जुड़े होने का गर्व है।

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