Kush Grahani Amavasya 2021: ‘सिद्ध ‘योग में आज मनेगी कुश ग्रहणी अमावस्या,आज सोमवती अमावस्या नहीं मानी जायेगी, दो दिन का होगा अमावस्या का पर्व
उज्जैन (पं चंदन श्यामनारायण व्यास)। Kush Grahani Amavasya भाद्रपद मास में आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व है। इस वर्ष यह अमावस्या आज ६ सितम्बर सोमवार को रहेगी, पर इस दिन सोमवती अमावस्या नहीं मानी जायेगी क्यूंकी इस दिन अमवास्या प्रातः ७ बजकर ४१ मिनिट से प्रारम्भ होगी जो ७ सितंबर मंगलवार को प्रातः ६ बजकर २१ मिनिट तक रहेगी इसलिए अमावस्या का पर्व दो दिन माना जाएगा।
बाबा गुमानदेव हनुमान गढ़ी के गादीपति ज्यो. पं चंदन श्यामनारायण व्यास के अनुसार जो लोग अमावस्या पर अपने पित्रों को धूप आदि देते हैं वह सोमवार को उनके निमित्त धूप ध्यान तर्पण कर सकते हैं। सोमवार को कुश ग्रहणी अमावस्या भी है। इस दिन का बड़ा महत्व है इस दिन एकत्रित की गई कुशा का ब्राह्मण एवं अन्यजन वर्ष भर देव एवं पित्र कार्य में प्रयोग करते है।
सिद्ध योग बना रहा और भी विशेष-
पं. चंदन व्यास ने बताया कि इस दिन सिद्ध योग प्रातः ८ बजकर ५४ मिनट से प्रारम्भ हो जायेगा जो दिवस पर्यंत रहेगा। इस दिन जंगल से एकत्रित की गई कुशा ही सही शुद्ध कुशा मानी जाती है। इस दिन के अलावा लाई गई कुशा घास मात्र है। ध्यान रहे जिस स्थान पर कुशा हो वह स्थान शुद्ध साफ़ हो।
विशेष विधि से लाई जाती है कुशा-
पं. व्यास के अनुसार एक दिन पूर्व जिस स्थान पर कुशा लगी हो वहाँ जा कर कुशा का विधिवत पूजन करना चाहिये। गंधाक्षत पुष्प से पूजन कर धूप दीप नेवेध्य अर्पण कर हाथ जोड़ कर कुशा से प्रार्थना करनी चाहिये, उसे निमंत्रित करें की हम आप का प्रयोग देव पित्र कार्य में लोक मंगल के लिए करना चाहते हैं। हमें आज्ञा देवें। ऐसा निवेदन कर दूसरे दिन स्नान के पश्चात् सफ़ेद वस्त्र धारणकर प्रातःकाल कुशोत्पाटन के लिए प्रस्थान करें।
कुश को उखाड़ने को कुशोत्पाटन कहा जाता है। इसी लिए इसे कुश ग्रहणी अमावस्या Kush Grahani Amavasya के नाम से जानते हैं। कुशोत्पाटन करते समय (कुशा को उखाड़ते) अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। सर्वप्रथम “ॐ“ कहकर कुश का स्पर्श करें फ़िर मन्त्र ‘‘“विरन्चिना सहोत्पन्न परमेष्ठिनिसर्जन। नुद सर्वाणि पापानि दर्भ स्वस्तिकरो भव॥‘‘ बोलकर प्रार्थना करें। इस प्रार्थना के पश्चात् हुँ फट् बोलकर कुश को उखाड़ें। इस विधि से लाई गई कुशा के प्रयोग से सदा सर्वदा मंगल होता है। मंगलवार को स्नान दान की अमावस्या रहेगी।
आगामी व्रत पर्व निर्णय
हरतालिका तीज व्रत ९/९/२१ गुरुवार
श्री गणेश चतुर्थी १०/९/२१ शुक्रवार
ऋषि पंचमी ११/९/२१ शनिवार
तेजा दशमी १६/९/२१ गुरुवार
डोल ग्यारस १७/९/२१ शुकवार
प्रदोष १८/९/२१ शनि प्रदोष व्रत
अनंत चतुर्दशी १९/९/२१ रविवार
पूर्णिमा २०/९/२१ सोमवार श्राद्ध प्रारम्भ पूर्णिमा का श्राद्ध
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