अमेरिका की पहली महिला उप राष्ट्रपति बनी कमला हैरिस, क्या है भारत के प्रति इनके विचार?

वाशिंगटन. अमेरिका में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है. जो बाइडेन ने मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शिकस्त दे दी है. वहीं पहली बार अमेरिका को एक महिला उप राष्ट्रपति मिली हैं.

कमला हैरिस ने उप राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है. ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं कमला हैरिस, कैसा रहा अब तक का उनका सफ़र.

कौन हैं कमला हैरिस

कमला हैरिस भारतीय मां और जमैकाई पिता की बेटी हैं. वह अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाली भारतीय मूल की पहली अमेरिकी हैं. हैरिस का जन्म 1964 में ऑकलैंड में एक भारतीय मां, श्यामला गोपालन हैरिस और जमैकाई पिता, डोनाल्ड हैरिस के घर हुआ.

उनके पिता स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में इकनॉमिक्स के प्रोफेसर थे और मां स्तन कैंसर वैज्ञानिक रही हैं. कमला हैरिस की मां ने अपने पति से तलाक हो जाने के बाद अकेले ही कमला को पाला. वो भारतीय विरासत के साथ पली बढ़ीं, अपनी मां के साथ भारत आती रहीं.

अपने मां पिता की तरह हैरिश भी काफी पढ़ी-लिखी हैं. वह 1998 में, ब्राउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुईं. इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की और फिर सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस ज्वाइन कर लिया, जहां उन्हें करियर क्रिमिनल यूनिट की इंचार्ज बनाया गया.

कैसा रहा उनका सफर

हैरिस का अमेरिका की उप राष्ट्रपति बनने तक का सफर बेहद दिलचस्प रहा. उन्हें सर्वप्रथम 2003 में सैन फ्रांसिस्को के काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के तौर पर चुना गया था. इसके बाद वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनीं.

हैरिस ने साल 2017 में कैलिफोर्निया से संयुक्त राज्य सीनेटर के रूप में शपथ ली थीं. वो ऐसा करने वाली दूसरी अश्वेत महिला थीं. उन्होंने होमलैंड सिक्योरिटी एंड गवर्नमेंट अफेयर्स कमेटी, इंटेलिजेंस पर सेलेक्ट कमेटी, ज्यूडिशियरी कमेटी और बजट कमेटी में भी काम किया.

धीरे-धीरे वह लोगों के बीच पॉप्युलर होती गईं. खासकर उनके भाषणों को ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान के दौरान काफी समर्थन मिला. हैरिस सिस्टमेटिक नस्लवाद को ख़त्म करने की ज़रूरत पर अक्सर बोलती हैं.

हैरिस ने 21 जनवरी, 2019 को 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपनी खुद की उम्मीदवारी का ऐलान किया था. हालांकि, उन्होंने 3 दिसंबर को इस दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया और तब से वह बाइडेन की मुखर समर्थक रहीं.

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