Hallmarking Of Gold: आज से गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में अगर आप सोना खरीदना चाह रहे हैं तो आज से आपको हॉलमार्क का ही सोना मिलेगा. हॉलमार्क सोने की खासियत यह है कि उस पर लिखा होता है कि यह सोना कितने कैरेट का है. इसके अलावा ज्वैलरी पर यह भी दर्ज किया जाता है कि ज्वेलरी में कितना प्रतिशत सोना है. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे सोने की पहचान करें.
(Hallmarking Of Gold) क्या है हॉलमार्किंग?
सबसे पहले तो आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि ये Hallmarking Of Gold गोल्ड हॉलमार्किंग क्या है? तो इसका जवाब हम आपको देते हैं. सरकार की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक सभी ज्वेलर्स को सोने के गहने या कलाकृति बेचने के लिए बीआईएस स्टैंडर्ड के मानकों को पूरा करना होगा. ये मानक 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट शुद्धता के साथ होंगे.
कैसे करें सोनी की पहचान?
हर कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क नंबर अंकित किए जाते हैं. ज्वेलर्स की ओर से 22 कैरेट के लिए 916 नंबर का इस्तेमाल किया जाता है तो वहीं 18 कैरेट के लिए 750 नंबर का इस्तेमाल करते हैं जबकि 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता है.
ज्वेलरी में कितना प्रतिशत है सोना ऐसे लगाएं पता
हॉलमार्क में दिए गए नंबर से पता चलता है कि किस ज्वेलरी में कितना प्रतिशत सोना इस्तेमाल हुआ है. अगर जवेलरी पर 375 नंबर अंकित है तो वह 37.5 % शुद्ध सोना है. वहीं अगर 585 नंबर दिख रहा है तो 58.5 प्रतिशत शुद्ध सोना होता है.
अगर किसी ज्वेलरी पर 750 लिखा है उसका मतलब हुआ कि ज्वेलरी बनाने में 75 प्रतिशत सोने का इस्तेमाल किया गया है. वहीं 916 लिखे होने पर ज्वेलरी में 91.6 प्रतिशत सोना होता है. बाकी के बचे प्रतिशत ज्वेलरी बनाने के दौरान अन्य धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है.
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