खरगोन मामले में सरकार की बड़ी कार्रवाई,जेल अधीक्षक,एसआई और तीन कॉन्स्टेबल निलंबित

 

हाइलाइट्स

  • खरगोन के बिस्टान थाने में हुए बवाल को लेकर बड़ी कार्रवाई
  • खरगोन जेल के अधीक्षक और चार पुलिसकर्मियों को सरकार ने किया निलंबित
  • सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए
  • गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा

भोपाल
एमपी (Madhya Pradesh News Update) के खरगोन जिले में मंगलवार को भारी बवाल हुआ था। चोरी के आरोप में गिरफ्तार युवक की खरगोन जेल में मौत हो गई थी। मौत की खबर मिलते ही उसके गांव के लोगों ने बिस्टान थाने पर भारी हंगामा किया। इस दौरान लोगों ने जमकर तोड़फोड़ की थी। हंगामे के दौरान तीन पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। उपद्रवियों को रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग भी की थी।

खरगोन एमपी

परिजनों का आरोप था कि युवकी की मौत पुलिस पिटाई से हुई है। बवाल के बाद इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। इसके बाद शिवराज सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने खरगोन जेल के अधीक्षक गिरधारी लाल औसारी को इस मामले में निलंबित कर दिया है। साथ ही बिस्टान थाने के एक एसआई, एक हेड कॉन्स्टेबल और दो कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया है। मंगलवार की रात प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह जानकारी दी है।

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वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूरे मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। मृतक युवक का पोस्टमार्टम करवाया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि युवक की मौत कैसे हुई है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बिस्टान थाने में आदिवासी बिशन की मौत बेहद पीड़ादायक है। एमपी में कानून का राज है। इस मामले में जांच के बाद कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।

वहीं, प्रशासन की तरफ 5 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता प्रदान की गई है। विधायक निधि से 10 हजार और रेड क्रॉस फंड से 25 हजार की सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही परिजनों को संबल अनुग्रह सहायता के अंतर्गत दो लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।

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घाव के कोई निशान नहीं
वहीं, परिजन आरोप लगा रहे हैं कि मौत पुलिस की पिटाई की वजह से हुए है। इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि उसके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे। एक पुरान जख्म उसे था, जिसके इलाज के लिए कुछ दिन पहले लाया गया था।

उसी में इंफेक्शन फैलने की वजह से ऐसा हो सकता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि उसकी मौत कैसे हुई। शरीर पर पुराने घाव को छोड़ दें तो कोई चोट के निशान नहीं हैं।

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