सरकार ने चीन को दिया एक और झटका दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट का ठेका रद्द

चीन के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध की दिशा में केंद्र सरकार तेजी से कदम उठा रही है. सरकार ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) से संबंधित दो चाइनीज कंपनियों का ठेका रद्द कर दिया है. ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है.

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई घटना के बाद चीन के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध की दिशा में केंद्र सरकार तेजी से कदम उठा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway)  से संबंधित दो चाइनीज कंपनियों का ठेका रद्द कर दिया है.

ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है. अंग्रेजी के अखबार इकोनॉमिक टाइम्स को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, परिवहन मंत्रालय 800-800 करोड़ के दो प्रोजेक्ट के लिए चाइनीज कंपनी (Jiangxi Construction Engineering Corporation) की सब्सिडियरी को मौका नहीं देगी.

दोनों चाइनीज कंपनियों को लेटर ऑफ अवॉर्ड देने से मना कर दिया गया है. आपको बता दें कि गुरुवार को  सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए चीन से होने वाले पावर टिलर के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है. छोटे ट्रैक्टर के नाम से फेमस पावर टिलर (Power Tiller) के फ्री इंपोर्ट को बंद करने का फैसला किया है. 

सरकार (Government of India) ने पावर टिलर और उसके कलपुर्जों के आयात को रिस्ट्रिक्टेड कैटेगिरी में डाल दिया है. इसका मतलब साफ है कि अब सरकार की इजाजत के बिना इसका इंपोर्ट चीन से नहीं किया जा सकता है.

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इससे पहले पावर टिलर को कितना भी इंपोर्ट किया जा सकता था. टिलर एक कृषि मशीन (Agriculture Equipment) है, जिसका इस्तेमाल खेती के लिए जमीन तैयार करने के लिए किया जाता है. पावर टिलर के कलपुर्जों में इंजन, ट्रांसमिशन, चेसिस और रोटावेटर शामिल हैं.

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, पिछले दिनों परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ-साफ कहा था कि किसी भी हाइवे प्रॉजेक्टस में चाइनीज कंपनियों की डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट एंट्री नहीं होगी. वर्तमान में अगर किसी प्रोजेक्ट में चाइनीज कंपनी का किसी तरह हाथ है तो उस टेंडर को कैंसल कर दोबारा जारी किया जाएगा.

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