कानपुर. दुर्दांत विकास दुबे ने आठ पुलिस कर्मियों को बर्बर तरीकों से मारा। सीओ देवेंद्र मिश्रा को सबसे खौफनाक मौत दी। जिसके बाद से पुलिस उसे ढूंढ रही है लेकिन विकास दुबे पुलिस के हाथ नहीं आ रहा है।
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एसटीएफ विकास के करीबियों को उठाकर पूछताछ कर रही है। एसटीएफ के हाथ एक शख्स लगा है जो विकास का बेहद करीबी है और विकास को चलने के लिए लग्जरी गाड़िया उपलब्ध करवाता था।
विजय नगर में रविवार को मिलीं तीन लावारिस लग्जरी कारों से दहशतर्ग विकास दुबे और उसके गुर्गों को जिला पार कराने की आशंका है। कार मालिक जय बाजपेई विकास दुबे का बेहद करीबी है। 24 घंटे पूछताछ करने के बाद एसटीएफ उसे लेकर लखनऊ चली गई है।
एनकाउंटर में शामिल होने और बदमाशों के फरार होने में मदद करने का सुबूत मिलने पर कार मालिक पर कार्रवाई तय है। विजय नगर चौराहे के पास शनिवार रात बगैर नंबर प्लेट की एक ऑडी, एक वेरना और एक फॅार्च्यूनर कार खड़ी करके कुछ लोग फरार हो गए थे।
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रविवार तड़के इलाकाई लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। पुलिस ने मौके से एक युवक को पकड़ा था। पता चला कि ब्रह्मनगर निवासी कारोबारी जय बाजपेई की कारें हैं।
पुलिस ने जय बाजपेई से पूछताछ शुरू कर दी थी। उसके बाद एसटीएफ की टीम ने उसको हिरासत में लेकर जानकारी जुटानी शुरू कीं। सोमवार को टीम उसको लेकर लखनऊ रवाना हो गई।
सीडीआर में मिली लोकेशन, बढ़ा शक
जय बाजपेई विकास दुबे का बेहद करीबी है। प्रॉपर्टी के अलावा बीसी का भी काम करता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक विकास कई मामले में जय का इस्तेमाल करता रहा है।
पुलिस ने जय और उसके कई करीबियों की सीडीआर निकाली जिससे कई अहम साक्ष्य पुलिस को मिले हैं। पुलिस और एसटीएफ का शक गहराता जा रहा है क्योंकि इस तरह से कारें क्यों खड़ी की गईं, इसका जवाब जय बाजपेई नहीं दे पा रहा है।