अदालतों और जजों की अवमानना के मामले में दोषी वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने से इनकार कर दिया। माफी मांगने के लिए 3 दिन की समय सीमा का सोमवार को आखिरी दिन था।
भूषण बोले, मैंने जो कहा, वह हकीकत है। अब शर्त के साथ या बिना शर्त माफी मांगी तो यह गलत होगा। अगर बेमन से माफी मांगी तो अंतरात्मा की अवमानना हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट अब 25 अगस्त को भूषण को सजा सुना सकता है।
अदालत और जजों के खिलाफ ट्वीट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को दोषी ठहराते हुए सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले गुरुवार को कोर्ट ने प्रशांत भूषण से कहा था कि आप माफी मांग लेंगे तो हम नरमी बरत सकते हैं।
कोर्ट ने सजा पर बहस टालने की अर्जी खारिज कर दी थी
कोर्ट ने पिछले हफ्ते भूषण की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें भूषण ने सजा पर बहस टालने और रिव्यू पिटीशन लगाने का मौका देने की अपील की थी। भूषण ने सजा पर सुनवाई दूसरी बेंच में करवाने की अपील भी की थी,
लेकिन कोर्ट ने उसे भी नहीं माना। जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने कहा था कि सजा सुना भी देंगे, तो रिव्यू पर फैसले तक लागू नहीं होगी।
प्रशांत भूषण के इन 2 ट्वीट को कोर्ट ने अवमानना माना
पहला ट्वीट: 27 जून- जब इतिहासकार भारत के बीते 6 सालों को देखते हैं तो पाते हैं कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र खत्म किया गया। इसमें वे (इतिहासकार) सुप्रीम कोर्ट, खासकर 4 पूर्व सीजेआई की भूमिका पर सवाल उठाएंगे।
दूसरा ट्वीट: 29 जून- इसमें वरिष्ठ वकील ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक के साथ फोटो शेयर की। सीजेआई बोबडे की बुराई करते हुए लिखा कि उन्होंने कोरोना दौर में अदालतों को बंद रखने का आदेश दिया था।
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