नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोन कॉल को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्वीट पर विवाद शुरू हो गया है. इस विवाद पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने भी ट्वीट किया है.
इस ट्वीट में रेड्डी ने कहा, ”प्रिय हेमंत सोरेन, मैं आपका बहुत सम्मान करता हूं लेकिन एक भाई के तौर पर मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमारे बीच चाहे जितने मतभेद हों, इस स्तर की राजनीति से हमारा राष्ट्र केवल कमजोर ही होगा.”
मुख्यमंत्री ने लिखा, ”कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में ये वक्त उंगली उठाने का नहीं है, बल्कि साथ आकर हमारे प्रधानमंत्री के हाथों को मज़बूती देने का है, ताकि इस महामारी से प्रभावी ढंस से लड़ा जा सके.”
Dear @HemantSorenJMM,
I have great respect for you, but as a brother I would urge you, no matter what ever our differences are, indulging in such level of politics would only weaken our own nation. (1/2) https://t.co/0HZr56nOj2— YS Jagan Mohan Reddy (@ysjagan) May 7, 2021
दरअसल, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर झारखंड, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों को फोन किया था. इसके बाद हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया था, ‘‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया. उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की. बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते.’’
उनके इस ट्वीट पर बीजेपी के संगठन महासचिव बी एल संतोष ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ नेता इस स्तर तक गिर गए हैं. प्रधानमंत्री फोन करते हैं और कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करते हैं. कम से कम अपने पद की गरिमा का तो ख्याल रखना चाहिए.’’
बीजेपी सांसद और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा, ‘‘ना आपको देश के संघीय ढांचे का ज्ञान, न सामान्य शिष्टाचार की समझ, न बड़ों से व्यवहार का प्रशिक्षण और न ही अपनी कुनीतियों से बेहाल झारखंड की चिंता है हेमंत सोरेन. जनता आपकी गलत नीतियों की भेंट न चढ़े. आप झारखंड के लोगों को उनके हाल पर छोड़ सकते हो मगर मोदी सरकार हर क्षण उनके साथ है.’’
सुहागरात के दिन दुल्हन के पेट में दर्द, Medicine लेकर कमरे में लौटा दूल्हा तो उड़ गए होश
असम बीजेपी के नेता हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन का ट्वीट सामान्य शिष्टाचार के खिलाफ है और लोगों की परेशानियों का मजाक उड़ाने जैसा है क्योंकि प्रधानमंत्री ने उनका हाल चाल के लिए फोन किया था. उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री ने पद की गरिमा को धूमिल किया है.
इस पूरे विवाद पर झारखंड सरकार के सूत्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन इस बात से दुखी थे कि वह राज्य की पीड़ा प्रधानमंत्री के समक्ष नहीं रख सके और प्रधानमंत्री ने सिर्फ अपनी बात की.