अवंति सूत मिल वर्कर्स सोसायटी ने दुकानों की नीलामी का किया विरोध

०- विनोद गौर की रिपोर्ट

सनावद / स्थानीय अवंति सूत मिल वर्कर्स सोसायटी एवं सामाजिक संगठनों ने अवंति सूत मिल की दुकानों की नीलामी को अवैधानिक करार देते हुए नीलामी प्रक्रिया को रोकने की मांग शासन से की है।

ज्ञात रहे कि जिला सहकारी बैंक द्वारा अवंति सूत मिल की जमानत के तौर पर रखी गई दुकानों की नीलामी(ऑक्शन) हेतु विगत 2 सितंबर को समाचार पत्रों में  सूचना प्रकाशित करवाई गई थी। सूचना के अनुसार नीलामी 24 सितंबर को की जाएगी।

इस नीलामी के विरोध में अवंति सूत मिल वर्कर्स सोसायटी के सदस्यों ने मंगलवार को एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि सूत मिल बंद होने के बाद श्रमिकों ने मिल को चलाने के उद्देश्य से मिल वर्कर्स क्रेडिट को ऑपरेटिव लिमिटेड समिति का पंजीयन कर लीज आधार पर मिल को अधिगृहित कर चालू की थी।

ज्ञापन में कहा गया है कि तत्कालीन अध्यक्ष राजेंद्र सांकलिया ने मिल में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं कर सूत मिल को भारी नुकसान पहुंचाया। इस भ्रष्टाचार का मामला वर्तमान में न्यायालय में चल रहा है और सांकलिया भी जेल में है। ज्ञापन में कहा गया है कि सांकलिया ने जिला सहकारी बैंक से कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपए का लोन लिया गया था।

जिसका भुगतान नहीं किए जाने पर बैंक ने सूत मिल की संपत्ति को बंधक बना लिया था। इसी तारतम्य में बैंक द्वारा बंधक दुकानों और गोडाउन की नीलामी की जा रहीहै। ज्ञापन के अनुसार समिति के पंजीयन के समय समिति के सदस्यों द्वारा अंश पूंजी जमा की गई थी। वर्तमान में सदस्यों की जमा पूंजी का कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

ऐसी स्थिति में मिल संपत्तियों की नीलामी विक्रय नियमों के विरूद्ध है और अवैधानिक है। ज्ञापन में अंश पूंजी का निराकरण होने तक नीलामी प्रक्रिया रोकने की मांग की गई है।इस दौरान समिति के राधेश्याम लोधी,अरुण बर्वे,अनोखासिंह चौहान,उदयसिंह ठाकुर,गोवर्धन सिंह,दिलीप सकरोदिया,दुलीचन्द सकरोदिया, चेतराम आदि उपस्थित थे।

इस संबंध में विधायक सचिन बिरला ने कहा कि सूत मिल की संपत्तियों सार्वजनिक संपत्ति है । इसलिए मिल संपत्तियों की नीलामी नहीं होने दी जाएगी।

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