<p style=”text-align: justify;”><strong>नई दिल्ली:</strong> केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि भारत के लोगों पर जबरन परिवार नियोजन थोपने के साफ तौर पर विरोध में है. निश्चित संख्या में बच्चों को जन्म देने की किसी भी तरह की बाध्यता हानिकारक होगी और जनसांख्यिकीय विकार पैदा करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य
नई दिल्ली: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि भारत के लोगों पर जबरन परिवार नियोजन थोपने के साफ तौर पर विरोध में है. निश्चित संख्या में बच्चों को जन्म देने की किसी भी तरह की बाध्यता हानिकारक होगी और जनसांख्यिकीय विकार पैदा करेगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शीर्ष अदालत में पेश हलफनामे में कहा कि देश में परिवार कल्याण कार्यक्रम स्वैच्छिक है जिसमें अपने परिवार के आकार का फैसला दंपती कर सकते हैं और अपनी इच्छानुसार परिवार नियोजन के तरीके अपना सकते हैं. हलफनामे में बताया कि इसमें किसी तरह की अनिवार्यता नहीं है.